Hindi Writing Blog: सितंबर 2022

बुधवार, 14 सितंबर 2022

हिन्दी दिवस

 

हिन्दी दिवस

दोस्तों, आज हिन्दी दिवस की इस शुभ बेला को प्रतिवर्ष दोहराए जाने का अर्थ बस इतना है कि हिन्दी भाषा की गरिमामयी यात्रा स्वयं में समृद्ध साहित्य की ऐसी परंपरागत शुभकामनाओं का अध्याय जोड़ती जाए जिससे आदिकाल से चली आ रही अभिव्यक्तियों को जब कभी भी शब्दों में बांधने का प्रयास हो तो कोई कोना छूटा ना रह जाए। हिन्दी की ये प्रगति हमेशा यूं ही अनवरत चलती रहे, इसी आकांक्षा के साथ... “हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ”

 गागर में सागर सम्हाले,

अनवरत प्रगति प्रशस्त किए ।

साहित्य सम्पदा अनंत सँजोये,

बढ़ते समय को साथ लिए ।

जोड़े जन-जन को भाषा का,

अद्भुत रूप लिए ।

गागर में सागर सम्हाले...

हम सबकी हिन्दी बस बढ़ती चले,

अलंकृत साहित्य स्वरूप लिए ।  

विशिष्ट बनकर विशिष्टतम का भान कराए,

जब जब व्याकरण संग मिले ।

सहज हो चले जब करनी हो बात हमें,

ऐसी मीठी भाषा के अभिमान की बिंदी ।

भारत माता के भाल सजे,

अनंत काल की गति लिए ।

साहित्य संपदा और सादगी का,

ये अप्रतिम मेल बस यूं ही चला चले ।

गागर में सागर सम्हाले... (स्वरचित रश्मि श्रीवास्तव “कैलाश कीर्ति”)