Hindi Writing Blog: Ram Rajya - Dussehra special

रविवार, 25 अक्तूबर 2020

Ram Rajya - Dussehra special

Ram Rajya - Dussehra Special

 दे रही संदेश ये सृष्टि,

पाप का अब नाश हो ।

ऐसे में अब इस धरा पर,  

आपका पुनर्वास हो ।

सो रही माया कहीं,

जीवन कहीं ओझल पड़ा ।  

नभ के हर मण्डल में,  

तेज ओझल हो चला ।

संकीर्ण हुई चाँदनी,

राग भी मद्धम हुआ ।  

अगणित हुई दिशाएँ सारी,  

मस्तक ललाट की स्वर्ण रश्मियाँ,

भयभीत बनी अब नभ थल में,

आओ हे प्रभु राम तुम वापस,

अब हमारे जीवन में ।

मर्यादा की भाव-भंगिमा,

खो गई अब बातों में ।  

दुविधा आन पड़ी धरती पर,

जिज्ञासा भी रोई है,  

सूनी पड़ी अयोध्या में अब,  

राम राज वापस लाओ।

जाने कहाँ चले गए तुम,

सरयू के आँचल के तले ।  

जीवंत वेद पंक्तियाँ,

देती तुम्हें दुहाई अब,  

आ जाओ अब लाल ओ प्यारे,

फिर से अयोध्या तुम्हें पुकारे।

फिर से अयोध्या तुम्हें पुकारे...

       स्वरचित रश्मि श्रीवास्तव (कैलाश कीर्ति)

 

वर्तमान परिस्थितियों में प्रभु राम के आचरण की अनिवार्यता हम सभी के लिए महत्वपूर्ण हो चली है क्योंकि रावण की बुराई अब छद्म वेश धारण किए हमारे इर्द-गिर्द व्याप्त है। इन बुराइयों का अंत हो और सत्य की पुनः स्थापना हो। इसी मंगल कामना के साथ आप सभी को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ...

 


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