Hindi Writing Blog: COVID-19 पर कविता

शनिवार, 2 मई 2020

COVID-19 पर कविता




COVID-19 के चक्रव्यूह में फंसी दुनियाँ जल्द ही इस वैश्विक महामारी पर विजय प्राप्त कर इस संकट से बाहर निकल आए ताकि मानवता एक बार फिर झूमकर गाए| इसी आकांक्षा में वर्तमान को समर्पित कुछ पंक्तियाँ:

है कैसा वक्त ये आया,
डरा इंसान से, इंसान का साया |
सूनी पड़ी गलियों में,
मंजर खौफ का छाया ||
है कैसा वक्त ये आया...
कहीं लाचार है जनता,
कहीं बेबस प्रशासन है |
ली है धर्म ने छुट्टी,
लगी विज्ञान की ड्यूटी ||
है कैसा वक्त ये आया...
कितना विस्मित नजारा है,
घरों में कैद बैठे हम |
सड़कों पर अब,
 जंगल ये सारा है |
रची धरती विधाता ने,
बनाया स्वर्ग से सुंदर ||
बिगाड़ा खेल ये सारा,
इन्सानों के दिमागों ने |
उबर जाए ये जग सारा,
अब बस उम्मीद इतनी है ||
है कैसा वक्त ये आया...
                      स्वरचित रश्मि श्रीवास्तव (कैलाश कीर्ति)

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