दोस्तों, समय पर हमेशा पैनी नज़र रखना जरूरी होता है क्योंकि:
मंज़िलें यूँ ही नहीं मिला करतीं
ख्वाबों को सजाने से,
जमीं पर लाने में भी
उन्हें कुछ वक्त लगता है ।
मंज़िलें यूँ ही नहीं मिला करतीं...
जिंदगी टूट जाती है,
हौसले रूठ जाते हैं,
कमबख़्त कश्तियां जब दरिया में
डूब जाती है,
तब दरिया किनारे लाने में भी
उन्हें कुछ वक्त लगता है ।
मंज़िलें यूँ ही नहीं मिला करतीं...
सिमट जाती हैं कुछ राहें
तूफानों के थपेड़े से,
कमबख़्त तूफानों के थमने में भी
तो कुछ वक्त लगता है ।
मंज़िलें यूँ ही नहीं मिला करतीं...
स्वरचित रश्मि श्रीवास्तव “कैलाश
कीर्ति”
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें