“दोस्ती”
- कहने को बड़ा आसान सा शब्द है ये दोस्ती
पर क्या
पता है दोस्तों, हर रिश्ते
की जान है ये दोस्ती
माँ के
प्यार दुलार में छुपी, आँख-मिचौली
है ये दोस्ती
पिता की
सीख और नसीहत के पीछे भी है ये दोस्ती
भाई-बहन
के लड़ाई-झगड़े के बीच भी है ये दोस्ती
पति-पत्नी
की नोक-झोंक में भी है ये दोस्ती
और
कहीं रिश्तों से परे बन जाये बस एक प्यारा सा बंधन
तो
उस रिश्ते की नींव भी है ये दोस्ती
तभी
तो इन इंद्रधनुषी रंगों का प्यारा सा पैगाम है ये दोस्ती
कुछ
कही-अनकही बातों के पालनों में झूला जाती है ये दोस्ती
तो
होंठो की मुस्कान और आसुओं के दर्द का हिसाब भी दे जाती है ये दोस्ती
तभी
तो दोस्तों, दुनिया में सबसे अनमोल है ये दोस्ती...
स्वरचित
रश्मि श्रीवास्तव “कैलाशकीर्ति”
इन्हीं
शब्दों के साथ आप सभी को मित्रता-दिवस (फ्रेंडशिप-डे) की हार्दिक शुभकामनाएँ
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