Hindi Writing Blog: जनवरी 2023

मंगलवार, 17 जनवरी 2023

इंसानियत का जिंदा रहना जरूरी...

 

Humanity

जब एक यार ने दूजे से पूछा और बता,

बड़ी शिद्दत से निभा रहा है जिंदगी को

तो दूसरे ने हालिया जिंदगी के पन्ने पलटते हुए कहा

हाँ, यार! जिंदगी हर बदलते पल

बस यही सिखला रही है

असली नकली के बीच का फर्क बतला रही है

इंसानियत है जिंदा तो बस कुछ एक दिलो में

वरना ये बहुतों से तो दूर जा रही है

जिंदगी हर बदलते पल बस यही सिखला रही है...

दौलत गुम हो जाएगी सारी

शोहरत भी सुपर्दे खाक होगी

मिट जाएगी इंसान की हर एक हसरत

अगर इंसानियत उसके पास न होगी

जिंदगी हर बदलते पल बस यही सिखला रही है...

अभी भी वक्त है, चलो बचा लें इसे

वरना एक दिन ऐसा भी ले आएगी ये जिंदगी

जब मुर्दों के शहर में ही इन्सानों का घर होगा

जिंदगी हर बदलते पल बस यही सिखला रही है...