होली
पर अनमोल वचन लें, जीवन को अब तोल-मोल लें,
रंगों
की भरी पिचकारी में, प्रेम-सौहार्द का रंग
भी घोल लें,
दुश्मन
आँख गड़ाए बैठा, सीमाओं पर देश की,
घर के
अंदर खेल रहे हम, होली अपनों के खून की,
कैसी
कटुता भरी पड़ी है, आज हमारे सीनों में,
भूल गए
क्यों इतनी जल्दी, आजादी के छालों को,
नासूर
बन गए जाति-धर्म का, दहन-होलिका हो जाए,
बहे राष्ट्र
में प्रेम की गंगा, उन्नति भी खूब लहराए,
फूले-फले
भारत माँ का आँचल, रंग तिरंगा चढ़ जाए,
होली
पर अनमोल वचन लें...
स्वरचित रश्मि श्रीवास्तव (कैलाश कीर्ति)
आप सभी को मेरी तरफ से होली की हार्दिक शुभकामनाएँ...
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