नारी की महत्ता का गुणगान करती इन पंक्तियों के साथ अंतरराष्ट्रीय
महिला दिवस की आप सभी को शुभकामनाएँ
सृष्टि के संयोग से
जब नर संग नारी बनी
चलने लगा ब्रह्मांड तब ये
वसुधा भी पूरित हुई
आकाशगंगा से निकलती
जीवन ज्योति तब कहीं आगे बढ़ी
स्नेह और वात्सल्य का
जब ले समागम
नर संग नारी चली
महक उठा संसार तब ये
हर घर की दहलीज
भी पूरित हुई, सृष्टि के संयोग
से... (1)
अश्रुओं के सैलाब को जब
नयनों में रोक रखने
की शक्ति और अधरों पर मुस्कान ले
जब नारी आगे बढ़ी
संयम और धैर्य का रुख देख
तब राधा और सीता भी
प्रभु कृष्ण और प्रभु राम के
आगे जुड़ी
पूर्ण हुआ दुनिया का स्वप्न
तब ये प्रकृति भी
पूरित हुई, सृष्टि के संयोग से... (2)
स्वरचित रश्मि श्रीवास्तव “कैलाश
कीर्ति”
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