महक रही है देश की बगिया, आजादी के भावों से |
चमक रहा है स्वर्ण सा मस्तक, बन कश्मीर ललाटों पे ||
अबकी बार पूरी आजादी, सैतालीस के वादों से |
ऐसी मधुरिम बेला में युग्मित होकर, पवन बह रही देश भक्ति के रागों से |
दीप जला कर करो स्वागत नए सृजन का, भारत माँ के आँगन से ||
महक रही है देश की बगिया, आजादी के भावों से....
स्वरचित रश्मि श्रीवास्तव (कैलाश कीर्ति)
अद्भुत संयोग का गवाह बना है सन् 2019 का ये वर्ष जब रक्षाबंधन के साथ युग्मित है भारत की आजादी का दिवस, जिसने राखी के सूत्र की मर्यादा को और गौरवमयी बनाया है| ऐसे मेरे देश भारत के स्वतन्त्रता दिवस की आप सभी को ढेरों शुभकामनाएँ!!!
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