पावन से रिश्तों का सार है ये, मित्रता!
कृष्णा
और सुदामा सा प्यार है ये, मित्रता!
प्रभु
राम से हनुमान की भक्ति का व्यवहार है ये,
मित्रता!
आपसी
सम्बन्धों की प्रगाढ़ता है ये, मित्रता!
उलझे
को भी जो सुलझा दे उसका उपाय है ये,
मित्रता
जात-पात, उंच-नीच के भेद से, परे है ये, मित्रता!
तभी
तो सृष्टि के आदि से आज तक है, ये मित्रता!
........आज तक है, ये मित्रता!
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