Hindi Writing Blog: विश्वगुरु बनने की ओर पुनः अग्रसर भारत

शनिवार, 16 नवंबर 2019

विश्वगुरु बनने की ओर पुनः अग्रसर भारत

World Leadership


बदल रहा है हिंदुस्तान, बदल रही इसकी संतान |
युगों-युगों से बहती जमुना-गंगा,दे रही इसको वरदान |
उत्तर से दक्खिन तक अब तो,एक रहेगा हिंदुस्तान |
बदल रहा है हिंदुस्तान, बदल रही इसकी संतान...
जात पात मजहब से भी अब,उबर रहा है हिंदुस्तान |
बदल रहा है हिंदुस्तान, बदल रही इसकी संतान...
मंदिर के बजते घंटों से, मस्जिद की उठती अजान से,
महक रहा है हिंदुस्तान, महक रहा है हिंदुस्तान...  
                        स्वरचित रश्मि श्रीवास्तव (कैलाश कीर्ति)

भारत दुनियाँ के मानचित्र पर सुशोभित एक ऐसा राष्ट्र जिसके समृद्धवान अतीत ने उसे “विश्वगुरु” कहलाए जाने के तमगे से अलंकृत कराया है, विश्वगुरु अर्थात समग्र संसार को राह दिखाने वाला ऐसा पथ प्रदर्शक जिसके मार्ग पर चलने की अभिलाषा से दुनियाँ के अन्य राष्ट्र भी प्रेरित हो जाएँ|

ऐसा ही कुछ अद्वितीय स्थान रहा है हमारे राष्ट्र का जिसकी गवाही सदियाँ देती आई हैं,परंतु कुछ वक्त ऐसे भी इस राष्ट्र की भाग्य रेखा को परिवर्तित करने की चेष्टा करते आए हैं जिससे पल भर को ये लगा कि दुनियाँ को प्रेम, सद्भाव, और धन-धान्य की अनमोल विरासत देने वाले राष्ट्र के हाथों से सबकुछ छिन गया हो, लेकिन वो कहते हैं न “गुरु तो गुरु ही होता है|”फिर क्या था विश्वगुरु कहलाने वाले  भारत ने पुनः खुद में समाहित दुनियाँ के कोने-कोने से आई नकारात्मक ऊर्जाओं को समय की बहती अविरल धारा में धोना प्रारम्भ किया तो देखते ही देखते भारत माँ के वर्तमान आँचल के साथ भावी भविष्य का आँचल भी महकने लगा और उसकी छाँव तले माँ भारती के बच्चे एक बार फिर से इतिहास रचने चल पड़े, तभी तो लगभग 400 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद 9 नवंबर 2019 को सूप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाये गए बहुप्रतीक्षित फैसले पर जिस सामाजिक सौहार्द की झलक दुनियाँ ने देखी वो इस बात की ही पुष्टि करता है कि अब माँ भारती के सभी बच्चे (हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई...)एक हैं और अब उनकी ये एकता आने वाले दिनों में दुनियाँ को पुनः योग, भाषा के रूप में संस्कृत का समर्पण, शून्य का आविष्कार, प्रथम प्रयास पर मंगल ग्रह पर पहुँच, जैसे अनेकों योगदान इस संसार को देने की ओर अग्रसर होंगे क्योंकि अब जो भारत दिख रहा है वो एक ऐसा भारत है जहां नीति निर्माताओं का साथ देता हर भारतीय नजर आता है, जिसके चलते न केवल भारतीय समाज में सकारात्मक परिवर्तन दर्ज किये गए हैं, अपितु इस आगाज ने ये भी साबित कर दिया है कि अब राष्ट्र का प्रत्येक नागरिक अपने राष्ट्र के विकास के ही सपने देखता है, लिहाजा अब ये तय हो चुका है कि हमारे देश में एक बार फिर से सद्भाव और भाईचारे ने दस्तक दे दी है| ऐसे में राष्ट्र और समाज के समग्र विकास के साथ जुड़ा ये गठजोड़ वाकई आने वाले भविष्य में भारत को सशक्त राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित करेगा|

दोस्तों भारत के इस वर्तमान सफर का साक्षी बनने पर हम सभी आज गर्व का अनुभव करते हैं क्योंकि देश आज सामाजिक सौहार्द की वो मिसाल पेश कर रहा है जो कभी इसकी पहचान हुआ करती थी, दूसरे शब्दों में कहूँ तो मेरा भारत पुनः विश्व गुरु बनने के पथ पर अग्रसर हो चुका है और जिसमें सहयोग दे रहे मेरे राष्ट्रवासियों का योगदान वाकई सराहनीय है साथ ही उनके इन्हीं प्रयासों के चलते मेरे राष्ट्र की पहचान “विविधता में एकता” न केवल सदैव कायम रहेगी बल्कि सम्पूर्ण जगत को एकता का संदेश देने में सफल होगी|
            बस इसी उम्मीद के साथ जय हिन्द जय भारत...

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