Hindi Writing Blog: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रभावित संसार लेकिन दूर होता भारत

रविवार, 22 दिसंबर 2019

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रभावित संसार लेकिन दूर होता भारत

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी



ये कहाँ आ गए हैं हम... आखिर क्यों भूलते जा रहे हैं अपनी विरासत को जिसने सिर्फ हमें मूल्यों के मायने ही तो समझाए हैं, जिनपर चलकर इस देश ने सिर्फ और सिर्फ ये जाना है कि कैसे चारों ओर नकारात्मक शक्तियों की मौजूदगी के बावजूद भी इंसानियत को जिंदा रखा जा सकता है वो भी बिना असत्य/हिंसा के मार्ग पर चले| दोस्तों, बेहद अफसोसजनक हैं ये हालात जो हमारे देश को इस हिंसा की चपेट में ढकेलते चले जा रहे हैं और जिसके परिणाम में हम अपनी अनमोल जन धरोहरों के साथ बस देश की अमूल्य धरोहरों को खोते जा रहे हैं और वहीं दूसरी ओर पूरी दुनियाँ में बढ़ती जा रही हिंसक प्रवृत्तियों को कम करने के लिए हमारे राष्ट्रपिता बापू” के विचारों की विरासत को आगे बढ़ाने के उपाय किए जा रहे हैं जिसका जीता जागता उदाहरण है दुनियाँ के सुपर पावर अमेरिका द्वारा अमेरिका की संसद में गांधी जी के विरासत को बढ़ावा देने वाले बिल का पेश किया जाना जिसके जरिये अमेरिका के दिग्गज नागरिक अधिकार नेता जॉन लुईस ने महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग (Martin Luther King) के विरासत को बढ़ावा देने के लिए एक विधेयक प्रतिनिधि सभा में पेश किया जिसमें आने वाले 5 वर्षों के लिए 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बजटीय आवंटन की मांग की गयी है|
दोस्तों, अमेरिकी हाउस में पेश किए गए इस बिल को 6 डेमोक्रेट्स (Democrats) सांसदों का भी समर्थन हासिल हुआ है जिसमें 3 भारतीय मूल के डॉ० एमी बेरा, रो खन्ना और प्रमिला जयपाल भी शामिल हैं इनके अलावा 3 काँग्रेस नेता ब्रेंडा लॉरेंस, ब्रांड शेरमैन और जेम्स मैक गवर्न शामिल हैं| दोस्तों, अमेरिकी हाउस में पेश इस बिल को मिले 3 भारतीयों के समर्थन इस बात को सिद्ध कर रहे हैं कि हम भारतीय विदेशों में गांधी जी के मूल्यों की वकालत कर उन्हें पूरी दुनियाँ को सिखाने की भूमिका निभा रहे हैं तो भारत में क्यों नहीं| मौजूदा हालत में हिंसा को छोड़ गांधी जी के बताए अहिंसा के मार्ग पर चलकर अपनी बात लोगों तक पहुंचाने की आशा लिए, जय हिन्द, जय भारत...

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