Hindi Writing Blog: Happy Dussehra

बुधवार, 5 अक्तूबर 2022

Happy Dussehra

 

दशहरा


राम-रावण युद्ध की,

रणभेरियाँ ललकारती।

दसों दिशाएँ प्रभु राम के,

तेज को निहारती।

धर्म का स्वरूप ही,

अद्भुत, अलौकिक, अदम्य है।

सृष्टि का संदेश ये,

वो हर दिशा में भेजती।

अधर्म के माया तले,

रावण का ज्ञान धूमिल हुआ।

युगों-युगों से ये गाथा,

सभी के अन्तर्मन को है भेदती।

फिर भी तम से भरी,

अधर्म की यह राह,

हर नित हमें,

धर्म के मुख से है मोड़ती।

ईर्ष्या, लोभ, मोह, मद जैसी बुराइयाँ,

कलयुग में भी सतयुग के रावण,

की याद से हर किसी को है झिंझोरती।

आइये इस दशहरा एक बार फिर,

मिलकर करें प्रभु राम का उद्घोष हम।

हमारी अंतरकाया में पल रही बुराइयों को,

दे दें अब विराम हम।

आज और अभी से,

अधर्म विरुद्ध छिड़े,

इस युद्ध को अंजाम दें।

फिर बजेंगी रणभेरियाँ,

राम रूपी धर्म की,

होगी पुनर्स्थापना।

राम-रावण युद्ध की रणभेरियाँ ललकारती...

                      स्वरचित रश्मि श्रीवास्तव “कैलाश कीर्ति”

 

दोस्तों, धर्म के पथ पर चलने के लिए साहस और धैर्य की हर पल आवश्यकता हमें अपनी रोज की दिनचर्या में महसूस होती जिसके लिए प्रभु राम का चरित्र और आचरण हम सभी को हर पल दिशा दिखलातें हैं। ऐसे प्रभु राम द्वारा दिये गए इस शुभावसर की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ


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