कहते हैं किसी लेख में प्राण वायु तभी उपजती है जब उसे पढ़ने वाले सच्चे पाठक मिल जायें| मेरी लेखनी को भी दरकार इसी भावना की थी लिहाजा मानवीय जीवन के इर्द-गिर्द हो रही समग्र प्रेरक और अंतर्मन को उद्द्वेलित कर देने वाली घटनाओं को अपनी लेखनी के माध्यम से समाज के अन्य जनों तक पहुंचाने की आकांक्षा ने मुझे ये ब्लॉग लिखने की प्रेरणा दी|
रविवार, 24 फ़रवरी 2019
भारतीय वीरांगनाओं की अनसुनी दास्तान (Unheard Braveries of Indian Women)
शनिवार, 16 फ़रवरी 2019
दम तोड़ती इंसानियत (Humanity)...
सिसकता
आसमां क्यूँ है|
भुलाकर
प्यार की भाषा,
सुबकता
ये जहां क्यूँ है||
सुबकता
ये जहां क्यूँ है…
("कैलाश
कीर्ति (रश्मि)" द्वारा रचित)
आज एक बार फिर मन अपने इर्द-गिर्द घटी घटनाओं से अशांत है, न जाने क्यूँ ये हो रहा है, जैसे विचार विद्युत सी तीव्र गति लिए एक-एक कर कौंधते जा रहे हैं और मन की व्याकुलता लेखनी को रोके जा रही है, फिर भी अपने अन्तर्मन की पुकार को आप सबसे बांटने की इच्छाशक्ति ने मुझे ये लेख लिखने पर विवश कर दिया|
इर्द-गिर्द घटी ये घटनाएँ हमारे अंदर रोष (Wrath) पैदा कर रही हैं और ऐसा एक बार नही हो रहा बार-बार हो रहा है जिससे न केवल कोई एक देश अपितु इस धरा (Earth) पर मौजूद अनेकों देश मानव प्रदत्त विध्वंसात्मक गतिविधियों के दंश को झेल रहे हैं और इनसे उठी भयावहता की ज्वाला में अगर कोई एक चीज दम तोड़ रही है तो वो है इंसानियत (Humanity) जिसे हम चाहे जिस नाम से बुला लें| ऊपर वाले ने इतनी खूबसूरत दुनिया बनाई है, उसे तरह-तरह के रंगों से सजाया है और उसके बाद इसे संचालित करने का दायित्व स्वयं के माध्यम से हम मानवों को सौंपा है और हमने क्या किया है, इसे क्रूरता के पैरों तले रौंद दिया है| क्या हो रहा है? और किस लिए हो रहा है? हम सभी जानते हैं कि सब कुछ नश्वर है (नष्ट होने वाला है)| फिर क्यों हम खुद उसे नष्ट करने पर आमादा हैं? क्या ऐसा नही हो सकता इस धरती पर सभी सब कुछ भूलाकर सिर्फ और सिर्फ इंसानियत को कायम रखें|
शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2019
रविवार, 10 फ़रवरी 2019
शनिवार, 9 फ़रवरी 2019
हिंदी सिनेमा (Bollywood): युग परिवर्तनकारी समाज का प्रतिनिधि
रविवार, 3 फ़रवरी 2019
अदभुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय प्राचीन भारतीय स्थापत्य कला
भारत सृजन का वो रूप अनुपम था
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दोस्तों , जैसा कि हम सब ये देख रहे हैं कि Corona नाम के एक छोटे से विषाणु ( Virus) ने अचानक देखते-देखते किस प्रकार Globalization क...
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