Hindi Writing Blog: ऑटोमेशन (AUTOMATION): वरदान या अभिशाप?

रविवार, 17 मार्च 2019

ऑटोमेशन (AUTOMATION): वरदान या अभिशाप?


























आज जब कभी भी हम काम करते-करते थक जाते हैं तो सोचते हैं कि काश! कोई ऐसी मशीन होती जो चुटकी बजाते ही हमारा सारा काम कर देती, बस मनुष्य के इसी सोच कि कार्य परिणीति है ऑटोमेशन (AUTOMATION) अर्थात स्वचालन, जहां आप कुछ कामों को ऑटोमैटिक मोड पर सेट कर देते हैं ताकि आपको उन्हे बार-बार करने की जरूरत न पड़े, वो काम खुद ब खुद पूरा हो जाये|

कुछ समय पूर्व आयी विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जताई गयी कि बढ़ते ऑटोमेशन (AUTOMATION): वरदान या अभिशाप?के चलते भारत से लगभग 69%, चीन से लगभग 77% और इथोपिया से लगभग 85% जॉब को खतरा हो सकता है, बस यही मुद्दा चिंता का विषय बन जाता है कि क्या व्यापार और कार्य क्षेत्र की तमाम मुश्किलें आसानी से और कम खर्च से सुलझाने वाला ऑटोमेशन (AUTOMATION) वरदान है या अभिशाप?

आज मैंने अपने इस लेख में परिचर्चा के लिए इस विषय को इसलिए चुना क्योंकि लगभग 7.6 अरब की आबादी वाले इस विश्व में कामकाजी हाथों की कमी नही और समाज की रचना के अनुसार मानव जीवन की सम्पूर्ण भौतिक, सामाजिक, आर्थिक जरूरतों को पूरा करने वाले उसके रोजगार की जिसकी उसे सख्त जरूरत है| ऐसे में बढ़ते ऑटोमेशन(AUTOMATION) के प्रचलन ने कार्य क्षेत्र के लगभग सभी विधाओं जैसे Accounting and Invoicing, Data Backup, स्टाफ ड्यूटी चार्ट बनाना, email मार्केटिंग, Software Testing व अनेकों वेबसाइट में अपनी पैठ बना ली है जिसके चलते हाथों से काम करने वालों के कार्य क्षेत्र पर काफी प्रभाव पड़ा है जो ऑटोमेशन(AUTOMATION) के नकारात्मक प्रभाव का प्रस्तुतिकरण करता है|


हालांकि ऑटोमेशन(AUTOMATION) के चलते कार्य में तीव्रता आयी है और human error की गुंजाइश भी कम हो गयी है और इस नयी तकनीक को अपनाकर समाज विकास की एक नयी परंपरा को लेकर आगे बढ़ना चाहता है और ऐसा हो भी क्यों न क्योंकि समय-समय पर आने वाली तकनीकों ने हमारे समाज के विकास में अहम भूमिका निभाई है लेकिन यदि यही तकनीकें मानवीय कार्य क्षमता को प्रभावित करने के बदले मिल रहीं हो तो आगे के समाज के लिए शायद ही ये उतनी सार्थक सिद्ध हो सकें जितना हम सोचते हैं, ऐसे में अंत इस आरंभ पर आधारित होकर इस बात के संशय को और भी गहराता जा रहा है कि मानवीय तरक्की के लिए लाया गया ये ऑटोमेशन(AUTOMATION) वाकई वरदान है या अभिशाप? जो एक तरफ अपनी द्रुत गति और human error से परे होकर कार्यों को निष्पादित कर रहा है वहीं दूसरी ओर कार्य क्षेत्र में मानवीय बल को भी चुनौती दे रहा है... 

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