Hindi Writing Blog: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

शुक्रवार, 8 मार्च 2019

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस






नारी हूँ मैं, नारी हूँ मैं
निस्तेज का भी तेज मैं
उद्वेग का हूँ वेग मैं
सानिध्य का भी स्नेह मैं
स्वालम्बन का आधार मैं
पीड़ा का हूँ प्रहार मैं
विरह की वेदना से परे, वात्सल्य का उपहार मैं
सृष्टि का भी आरम्भ मैं
अन्धकार का प्रकाश मैं
फिर भी समय की धार में, बह रही निर्बाध मैं
बह रही निर्बाध मैं...
              ("कैलाश कीर्ति (रश्मि)" द्वारा रचित)


मेरी तरफ से आप सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं!!!

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