माँ और
उसकी ममता विधाता द्वारा रचित सृष्टि की ऐसी अनमोल कृति जिसने इस संसार को सदैव अपने
आँचल से सिंचित और पल्लवित किया है,
आज उसी माँ के शुभकामनाओं भरे दिन के सुअवसर पर दुनियाँ भर की माँओं के चरणों का वंदन
करती मेरी कुछ पंक्तियाँ:
ममता
से रची है ये,
दुनिया
खूबसूरत सी|
जो
बरसी है नियामत बन,
किसी
बगिया के फूलों सी||
कहीं
आंचल से छलकी है,
कहीं
नैनो से बरसी सी|
ममता
से रची है ये,
दुनिया
खूबसूरत सी…
स्वरचित: रश्मि श्रीवास्तव
(कैलाश कीर्ति)
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