जिद हो बदलने
की,
बदल सकता जहां
ये है।
अगर दृढ़ हों
इरादें तो,
संवर सकता जहां
ये है॥
चलो मिलकर सजाएँ
हम,
नया भारत बनाएँ
हम।
नया भारत बनाएँ
हम…
हमारा राष्ट्र
भारत(India) जिसका तिरंगा(National Flag) जब दुनिया के किसी भी कोने
में फहराया जाता है, तो ये भारतीय के मन को झंकृत कर जाता है
और ऐसा हो भी क्यों न, क्योंकि हम सब की शान है हमारा तिरंगा, जो न केवल हमारे राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता है अपितु हम 120 करोड़ भारतवासियों
को भी प्रस्तुत करता है। गर्व होता है हमें अपने देश की उपलब्धियों
को देखकर, फिर वो चाहे किसी भी क्षेत्र से क्यों न हों, लेकिन हम सब ये जानते हैं कि हमारी ये कामयाबी हमें एक दिन में नहीं मिली
है, कैसे और कितना कुछ न्योछावर करके हमारे राष्ट्र ने आज ये
मुकाम हांसिल किया है। एक तरफ हमारे राष्ट्र की प्रगति, हमारे मस्तक को गर्व से ऊंचा करती है तो वहीं दूसरी ओर प्राचीन काल से चली
आ रही कुछ कुरीतियों के साथ कुछ आधुनिक समस्याएँ भी हमारे भारतीय समाज में व्याप्त
हैं, जो हमें ये सोचने के लिए मजबूर करती हैं कि यदि हम सभी अपने
राष्ट्र को और ऊंचाई पर देखना चाहते हैं तो हमारे समाज का समग्र विकास इसके लिए अत्यंत
अनिवार्य है।
आज हम सभी 21वीं सदी में जी रहे हैं और
इस आधुनिकता से भरे वातावरण में भी बहुत सी समस्याएँ अपना फन फैलाये भारत राष्ट्र की
उन्नति को रोकने के लिए तैयार बैठी हैं, जिनका समाधान हम सब
को मिलकर ही करना होगा, क्योंकि जिस दिन समाज का प्रत्येक व्यक्ति
इससे निपटने का जिम्मा संभाल लेगा उस दिन अवश्य ही ये परिवर्तन हमारे राष्ट्र को परिवर्तित
कर देगा और ऐसा मैं इसलिए नहीं कह रही कि हम अकेले कुछ नहीं कर सकते, इतिहास गवाह है कि सती प्रथा जैसी भयावह कुरीति को समाप्त करने वाले राजा
राममोहन राय भी अकेले ही थे जिन्होने ऐसा किया, फिर हम क्यों
नहीं? इस आधुनिक काल में जहां पूरी दुनिया चाँद पर पहुँचने का
ख्वाब सजा रही है वहीं हमारे भारत में आज भी प्राचीन परम्पराओं का पालन करते हुए बाल
श्रम(child labor), महिलाओं के साथ भेदभाव(women
inequality), भ्रूण हत्या(foeticide), बाल विवाह(child
marriage), दहेज प्रथा(dowry custom), जातिवाद(casteism) व अंधविश्वास(superstition) जैसी कुरीतियों के साथ कुछ अन्य समस्याएँ भी हैं
जिनसे निपटने के लिए तो समाज के हर व्यक्ति हो आगे आना होगा और राष्ट्र के प्रति अपने
दायित्व का निर्वाह करते हुए इस राष्ट्र में साफ-सफाई लानी होगी, साक्षारता को और बढ़ावा देना होगा, मदिरापान(Drinking) और अपराध(crime) को नियंत्रित करना होगा, भूखमरी(Starvation) और गरीबी(Poverty) के लिए समूहगत होकर गावों से लेकर शहरों की गलियों तक संस्थानों और सरकारों
की मदद के लिए आगे आना होगा क्योंकि ये सारी चीजें जब एक साथ बढ़ेंगी तभी हमारा राष्ट्र
इन समस्याओं से मुक्त होगा| तो मात्र लेखन-पठन तक न रुककर हम
सभी अपनी क्षमतानुसार इस मुहीम को अपना हिस्सा बनाएँ और राष्ट्र के प्रगति के साक्षी
बनें।
जय हिन्द
जय भारत...
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