दोस्तों! सन 2019 में सम्पन्न हुए चुनाव परिणामों के घोषित होने के बाद मेरे राष्ट्र और इसके राष्ट्रवासियों की जो तस्वीर निकल कर आयी है, उसे देखकर वाकई ये एहसास हो रहा है कि मेरा देश बदल रहा है...
इन चुनावों ने एक बात तो सिद्ध कर दी कि पूरे भारत में 21वीं सदी की सही दस्तक तो अब अपनी दमक दिखाती नजर आ रही है, क्योंकि सम्पूर्ण भारत में आयी digitalization क्रांति ने गावों से शहर, शहरों से प्रांत और प्रान्तों से राष्ट्र को ऐसा जोड़ा है कि पूरे भारत के लोगों में जागरूकता का जो दिव्य दर्शन इस चुनाव में निकलकर सामने आया वो वाकई काबिले तारीफ है| आजादी के बाद पहली बार रिकॉर्ड प्रतिशत मतों की अभिव्यक्ति इस बात का सीधा प्रमाण है कि मेरा भारत अब बदल रहा है| हर एक देशवासी को अब ये भान हो चुका है कि दुनिया के इस महान लोकतन्त्र में एक वोट (Vote) की कीमत क्या है? इसके अलावा इस लोकतान्त्रिक (Democratic) घटनाक्रम के बाद पूरी दुनिया को ये भी पता चला कि अब भारतवासियों ने पुरानी कुरीतियों का दामन छोड़ दिया है और वो अब सिर्फ और सिर्फ अपने राष्ट्र की उन्नति चाहते हैं, इसीलिए भारत राष्ट्र की जो एकता इस लोकतान्त्रिक पर्व की सकुशल संपन्नता के साथ नजर आयी वो तो कम से कम यही सिद्ध करती है| पुराने ढर्रेवादी राजनीतिक सोच को पीछे छोड़ अब मेरा भारत अपने राष्ट्र का हित सोच रहा है, भारतीयों के समग्र विकास के लिए इससे सहज क्या हो सकता है| इसके अलावा लोकतन्त्र के इस विजयी परिणाम के बाद धार्मिक सद्भाव (Religious Harmony), जातिवाद (casteism) के कुचक्र से मुक्ति, क्षेत्रवाद के प्रति विरक्ति जैसी जनभावनाएँ भी चुनाव परिणाम के बाद निकलकर सामने आयीं, जो हमारे राष्ट्र को अब एकता के सूत्र में बांधने के संकेत दे रही हैं जिसका इंतज़ार आजादी के बाद से भारत को अब तक था और शायद ऐसा इसलिए भी संभव हो पाया है क्योंकि अब स्वयं भारत में रहने वाले लगभग प्रत्येक व्यक्ति ने अपने आप को मुख्य विचारधारा से जोड़ना शुरू कर दिया है, दूसरे शब्दों में हम ये कह सकते हैं कि संस्थानों और सरकारों के प्रयास से भारत के प्रत्येक गावों में अब जागरूकता आने लगी है जो भारत के आने वाले सुनहरे कल के सपने हमें देखा रही है|
मेरा तो अब बस यही मानना है यदि हम सभी भारतवासी एकजुट हो जाएँ तो किसी के भी खाते में कोई समस्या न होगी| हम स्वयं एक दूसरे के लिए वो सेतु बन जाएँ जहां से निर्धनता (Poverty), अशिक्षा (Illiteracy), भुखमरी(Starvation), वैमनस्यता(Animosity) जैसी बुराइयाँ पनपने से पहले ही अपना दम तोड़ दें| मैंने भी न बातों को कहाँ से कहाँ जोड़ दिया, मुझे तो बस आपके साथ उस खुशी को बांटना है जिसमें विदेशी आक्रांताओं से दबे कुचले भारत ने अब खुल कर जीना सीख लिया है__________बधाई हो मेरे देश अब हम बदल रहे हैं और हमारा ये बदलाव ही हमारे देश की नयी तकदीर लिखेगा जिसका गुणगान पूरी दुनिया गाएगी, इसी उम्मीद के साथ.....जय हिन्द, जय भारत
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