Hindi Writing Blog: भारतीयों की वो उपलब्धियां जिन्हें भारतीयों से पहले किसी ने हासिल नहीं किया

रविवार, 30 जून 2019

भारतीयों की वो उपलब्धियां जिन्हें भारतीयों से पहले किसी ने हासिल नहीं किया




Indian Inventions - World First

हौसलों की उड़ानों से, सिमट आती हैं राहें भीं |
उम्मीदों के सहारे ने, मिलायी राह मंजिल की ||
तभी तो झूमकर निकला, कारवां इस बुलंदी पर |
कभी अंजाम न सोचा, दिया आगाज को अवसर ||
हौसलों की उड़ानों से, सिमट आती हैं रहे भीं.....

भारत दुनिया के मानचित्र पर अंकित एक ऐसा देश, जिसकी विशिष्टताएँ समय-समय पर पूरी दुनियां को अपनी ओर आकर्षित करती रही हैं और इन्हीं में से एक है, भारत और इसके राष्ट्रवासियों द्वारा अर्जित वो उपलब्धियां जिनका आगाज सर्वप्रथम भारतवासियों द्वारा किया गया और जिससे निकले फलों का रसास्वादन आज पूरी दुनियां कर रही है| इतिहास गवाह है कि हमारे राष्ट्र ने हमेशा इस संसार को कुछ न कुछ दिया है, उसके बदले कभी भी किसी चीज की आवश्यकता नहीं रही, शायद इसीलिए भारतीय अन्वेषण कर्ताओं द्वारा की गयी प्रथम खोजों के बावजूद, उन्हें “प्रथम” का तमगा नहीं मिला, फिर भी इस संसार को आजतक भारत से कुछ न कुछ हमेशा मिला ही है और इस कड़ी में शामिल इतनी सारी चीजें हैं, जिन्होने भारत को कल भी “विश्वगुरु” बनाया था और आने वाले कल के साथ भारत आज भी “विश्व गुरु” ही है, क्योंकि हम भारतीयों की एक खासियत है और वो ये है कि हमारी परम्पराएँ हमेशा कुछ नया करने के लिए प्रेरित करती हैं और हम करते भी हैं, लेकिन उन्हें पहचान मिले न मिले इस सनातनी परंपरा के वाहक भारत के राष्ट्रवासियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके कुछ अद्भुत उदाहरण भी हैं, जैसे पूरी दुनियां को प्रथम विश्व विद्यालय देना या फिर पाई (pie) के मूल्य की गणना, शून्य(zero) का आविष्कार, आयुर्वेद और योग, खगोल विज्ञान, शल्य चिकित्सा (Plastic Surgery), गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force- भास्कराचार्य), शतरंज की उत्पत्ति, साँप-सीढ़ी खेल (संत ज्ञान देव), रेडियो, विमान, परमाणु सिद्धान्त, बिजली, पहिया, बटन, अस्त्र-शस्त्र, प्रथम भाषा (संस्कृत), भाषा व्याकरण, आदि| 


हालांकि इन सभी का प्रथम अन्वेषण भारतीयों ने किया परंतु सस्ती लोकप्रियता को एक सिरे से नकारने वाले मनीषियों की भारतीय मंशा ने कभी भी इनसे फायदा उठाने की कोशिश नहीं की, गर्व महसूस होता है ऐसी मानसिकता पर और खुशी होती है भारतीयों की इस अन्वेषण क्षमता पर जिसमें वर्तमान और भविष्य भी नित नयी कड़ियाँ जोड़ता जा रहा है|

भारतीय अन्वेषणकर्ताओं के द्वारा अर्जित गर्वीली अनुभूति के साथ

                                                                                   जय हिन्द, जय भारत….

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