एकदन्तं महाकायं
लंबोदरगजाननमं |
विध्ननाशकरं देवं
हेरम्बं प्रणमाम्यहम् ||
चारों दिशाएँ बप्पा
के आगमन के जयकारों से गुंजायमान होकर हम सभी को आनेवाले दिनों में भक्ति के रस में
अनवरत सिंचित कर उनके आशीर्वाद की कृपा हम सब पर बरसाती रहें| इसी कामना के साथ आप सभी को बप्पा के माँ गौरी के साथ हरतालिका तीज पर द्वि-आगमन
की हार्दिक शुभकामनाएँ ||
हुआ है जयकारा, आए हैं बप्पा यारा,
मिटा के धुंध सारा, छाएगा उजियारा |
बरसेंगी अब खुशियाँ, सँवरेगा जग सारा,
जीवंत कर दिशाएँ, चलो बप्पा के रंग, रंग जाएँ |
अब दिन हो या रैना, बप्पा के ही गुन गाएँ,
भक्ति की अलग जगाएँ, अहम् की ज्योति बुझाएँ |
चलो एक बार फिर से, बप्पा की जय मनाएँ…
स्वरचित रश्मि श्रीवास्तव
(कैलाश कीर्ति)
nice lines ...
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