उद्घोष है, आरंभ है,
नवरात्रि का प्रारम्भ है|
जगमगाई सी दिशाओं में,
जयकारों की ही गूंज है|
चल पड़ा फिर सिलसिला,
शक्ति की भक्ति का|
ना कहीं भी द्वेष हो,
ना कहीं क्लेश हो|
मातृ-छाँव में सभी,
सुखों का प्रवेश हो|
सुखों का प्रवेश हो...
स्वरचित रश्मि श्रीवास्तव (कैलाश कीर्ति)
इन शब्दों के साथ माँ दुर्गा के आगमन पर्व नवरात्रि की आप सभी को ढेरों शुभकामनाएँ...
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