Hindi Writing Blog: अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से सैद्धांतिक राजनीति में आयी रिक्तता

शनिवार, 10 नवंबर 2018

अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से सैद्धांतिक राजनीति में आयी रिक्तता



16 अगस्त, 2018 का वो दिन जब अभी एक दिन पूर्व ही भारत राष्ट्र ने अपनी स्वतंत्रता का 72वां जन्मदिन मनाया था, राष्ट्र के भाग्य को क्या पता था कि आज के इस जश्न के बाद ही उसे एक ऐसे सच का सामना करना है जो भारतीय राजनीति का भाग्य प्रवर्तक सिद्ध होगा क्योंकि 16 अगस्त, 2018 को भारतीय राजनीतिक मंच ने अपने एक अद्भुत वाकशक्ति से ओत-प्रोत और सैद्धांतिक मूल्यों से लबरेज एक ऐसे व्यक्तित्व को खो दिया जिसके सत्य से परिपूर्ण आदर्श कि रिक्तता भारतीय राजनीति के आभा मंडल को सदैव झकझोरती रहेगी|

एक सिद्धहस्त राजनीति के नेतृत्व कर्ता माननीय अटल बिहारी वाजपेयी का निधन भारतीय राजनीति के पटल को मूल्यों पर आधारित राजनीति करने वाले नेतृत्व से मरहूम कर गया| भारतीय राजनीति को विनम्रता, सच्चाई और त्याग का मंत्र देने वाले राजनीति के इस महान प्रणेता ने इस धरा से स्वयं को विच्छेदित तो कर दिया और छोड़ गया भारतीय राजनीति में एक खालीपन| "राजनीति के भीष्मपितामह" कि संज्ञा से विभूषित इस महान राजनीतिक योद्धा के कर्म क्षेत्र में किये गए इनके अमूल्य योगदान हमेशा हमारी नयी पीढ़ी के राजनीतिज्ञों के पथ प्रदर्शक तो बनेगे पर उन्हें वो कितना अमलीकृत कर पाएंगे ये वक़्त बताएगा||

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